मायूसी


एक दिन अचानक से मायूसी छा गई
धड़कता हुआ दिल भी क्षणभर थम गया
कोफ़्त हुई जानकर के मैं अब ऐसा होगया हूं
मेरी माँ जैसा जानती थी उससे भिन्न होगया हूं

नदानिस्ता वयव्हार बदल गया ,
मुड़ कर देखा तो संसार ही बदल गया
ऊपरवाले से सिर्फ तौफ़ीक़ क्या मांगी
उसने तो कुछ ज्यादा पढ़ा लिखा कर दिया

कुछ तो कमी महसूस जरूर होती है
सीना तो है पर शायद दिल ही नहीं है
आग सी लग जाती है देह पर
खुदकी ये कैसी अग्निपरीक्षा है

तुम्हारे इस वर्तमान पर उनके अतीत का कर्ज है
लगता है तुम्हे एहसान फरामोशी का मर्ज है
हसी का पात्र है ऐसा गुरूर 
जिसके चलते ये तेरा फितूर है

वक्त अब भी है संभाल जा ग़ालिब
साहिल भले ही नजर आ रही हो 
पर तेरी कश्ती अभी दूर है

फिर एक दिन अचानक से मायूस हो जायेगा 
बेबसी के दलदल में धसता चला जाएगा
फूंक कर कदम रखना शुरू करदे अबसे
चुकीं तेरा समय जल्द ही आएगा

Comments

  1. It's okay yehi jivan hai sehena sabko padega😂 nicely written 💯

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  2. Dil yaha chod raha hu apna ❤️, bs seena baaki h ab.

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