रसोई
आसूं जरूर आते है जब प्याज छीलता है
पर ऐसा आनंद और कहा मिलता है
कई लोग इस बात से वास्ता नहीं रखते होंगे
परंतु किचन में घुस कर,
चोरी छुपे मसाला पक्का चखते होंगे
प्याज टमाटर को महीन काटना
खड़े मसाले सिलबट्टे मैं बाटना
गरम तेल की छर सी आवाज
उसमे छौके लहसन की खुशबू लाजवाब
एक एक मसाला बारीकी से डालना
उसे पकते हुए देखने की खुशी
और फिर धीरे से पानी मिलाकर उबालना
आटे को प्यार से गूंदना
दाल और चने को ध्यान से चुनना
गोल रोटी बेलना,कुकर की सीटी बजना
ये सब एक उपचार सा लगता है
खाने का स्वाद मन के विचार सा लगता है
रूठ कर इसे कभी न बनाना
तब स्वाद भी बेस्वाद सा लगता है
ध्यान रहे की दिल का रास्ता
रसोई से गुजरता है
शनि, रावी उसी और से निकलता हूं
चुकीं मेरा एक हिस्सा रसोई मैं रहता है
Sir kindly make this in jain version 😂
ReplyDeletehahahhaa koshish zaroor karnenge
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