इत्तेफाक
ढूंढकर तुझे एक मैसेज लिखा है
पता नही क्यों खुद पर विश्वास था
लिखोगी तुम वापस मुझे
क्योंकि खत ही इतना खास था
ये सब बाते असत्य घटनाओं पर निर्धारित है
मैं सत्य तुम सत्य और बाकी सब खारिच है
है मुश्किल तुम्हे आंखों में देखना
ये होट तुम्हारे कातिल से है
थम ता है दिल मेरा, थम ती ये सांसे है
आंखों मै नींद नही जागती अब रातें है
जागता हूं मैं भी तेरे तस्वीर के सहारे मे
कोई समझेगा इसे प्रेम कहानी
अफसोस हम दोनो अनजाने है
वोह कहती " मैं तुमसे अच्छे से वाकिफ हूं?
मैने कहा क्या तुम भी मानती हो,
की में बस एक दिलफेक आशिक हूं
दिल्फेक सही पर दिलचस्प हूं
में फेक नही मैं सत्य हूं!
आरोप तुम्हारे भी सब होंगे सही
पर हमे भी पता है हम जैसा नही
इत्तेफाक से एक चेहरा तुम भी देखोगे
इनबॉक्स मैं ढूंढकर, फिर तुम भी लिखोगे
हो सकता है मैं तब था दिलफेक
पर अब मेरे इरादो को तुम नेक कहोगे
और फिर एक बार मैं तुमसे आँखें चुराता हूं
और सारा इल्जाम उन होटों पर डालता हूं
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