इश्क पर लिखूंगा




आज कुछ इश्क के बारे में लिखूंगा
जो मेरा नही आज उस पर लिखूंगा 
आज रात की माया पर लिखूंगा
जो बात न कर पाया हूं तुझ से
उस हर बात पर लिखूंगा

ये तन्हाई का जो एहसास है
जब वो न दिल के पास है
कुछ अधूरे जो जस्बात है 
उनको पूरा करने की जो आस है
उस हर बात पर लिखूंगा
आज कुछ इश्क के बारे में लिखूंगा
जो मेरा नही आज उस पर लिखूंगा

वो झील से गहरी आंखें
बेशुमार है जिसकी चाहत
वो स्पर्श , कोमल पावन
दे जाती है जो राहत
उस चाहत पर आज लिखूंगा
आज कुछ इश्क के बारे में लिखूंगा
जो मेरा नही आज उस पर लिखूंगा

वो सांसें तेरी मेरी देह पर चले
वो इतर तेरा मस्तिष्क पर चढ़े
वो जुनून की क्या करू मैं बात
तिलिस्मी है वो तेरा साथ
उस हर जादूगरी पर लिखूंगा
आज कुछ इश्क के बारे में लिखूंगा
जो मेरा नही आज उस पर लिखूंगा

है इंतजार मुझे जब फिर एक बार और लिखूंगा
जो मेरा होगा उस पर लिखूंगा
तब तक के लिए बस यूंही लिखता रहूंगा
कुछ इश्क पर और कुछ जो मेरा हो सकता है
उस हर एक बात पर लिखूंगा












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