क्रोध
नियंत्रण खोया,कई मर्तबे
पछतावा केवल मिला है हर पल
कटाक्ष जब जब निकला है मुख से
खोया है आपा हमने हमेशा
खोया है अपनो को
खुद को है खोया
क्या है यह भावना क्यों होता हूं क्रोधित
कारण क्या इसका है, क्या तुमने खोजा
जो भावनाएं हमें स्वीकार नहीं
जो हम दूसरों पर थोपते है
यह भी शायद क्रोध ही है
या फिर क्रोध है बेबसी
दुख, भूख, शर्म, निराशा
क्रोध की है कई परिभाषा
पर यह सही नहीं
ना ही यह गलत है
या फिर है यह निष्कपट भावना
या फिर उस मजबूर दिल का बिलखना
जिसे मिली नही सांत्वना है
प्रश्न यही बस एक है रहता
काबू इसे कोई कैसे है करता
मौन रहना शायद एक उपाय है
पालन जिसका हम कर न पाए है
मैं नही हूं ज्ञानी कोई
हूं व्यक्ति तुच्छ अभिमानी कोई
करना इत्तिला मुझे भी यारों
गर क्रोध पर नियंत्रण पालो
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