२०२१


ये साल थोड़ा अलग था
कुछ सही, कुछ गलत था
20 ने जब हमको तोड़ा
21 ने कुछ उम्मीदों को जोड़ा
खो गए कुछ साथी सदा के
बिछड़ गए कुछ यार यहाँ
हुए यतीम कई संताने 
बेसहारा मां बाप यहाँ
पर फिर भी हौसला टूटा नही
अपनो का साथ छूटा नही
दिन अंधेरे बीत गए!
हुई सुबह हम जीत गए
जीत गए हम मायूसी से
बेबसी और लाचारी से
इस साल ने हमें मजबूत बनाया
हर एक श्वास की कीमत हमे सिखाया
मैं भी हूं कृतज्ञ इस वर्ष का
जितना भी मिला उतने हर्ष का
छत सिर पर और पेट में दाना
अपनो का साथ, अब और क्या पाना
यह साल भले ही भिन्न था
2021 उम्मीद एक चिन्ह था

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