युद्ध
छोटा दिल और बड़े वादे
अहंकार इनका घर जलाए
बच्चे यतीम हुए,बुजुर्ग बेसहारे
जंग से मिलता न कोई जवाब
न होता समझौता
न बनती कोई बात
उठते है प्रश्न कई
विध्वंस होता संसार
पिछड़ता है देश
बिछड़ते देशवासी
भूखे सोते लोग
जाने मरती प्यासी
पर उनका पेट भरा है
खेत उनका हरा है
जो विष घोले गरीबों के मन में
घड़ा पानी से उनका भरा है
मानवता बस दिखावा है
अपनी प्रतिष्ठा को बचाना है
भले कट जाए मासूमों के सर
इनकी मिनारे है ऊंची
इन्हे भला किस बात का डर
नही देखना था ऐसा वक्त
सब केवल पैसों के भक्त
ताकत ने किया इनको अंधा
मृत्यु का करते ये धंधा
कथन इनका एक फरेब है
इन्हे बस भरने अपने जेब है
यदि ये शान्ति के दूत है
पर फिर भी मचाना इन्हे लूट है
समझ में अब आई बात
हमे बस इक दूजे का साथ
न सुनना खोकले मीडिया की बात
इनके बस करना आता आघात
हमारी आजादी हमे खुद पाना है
इंकलाब अब फिर लाना है
👏👏👏👏
ReplyDeletethank you
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