मतलब की बात
मैं समझना नही चाहता हूं
मेरे दिल पे न वार कर
कुछ और दिन जीना चाहता हूं
शराब के नशे में वोह बात कहा
में तेरी आंखों से पीना चाहता हूं
उस जाम की क्या बात करू
अंजाम की क्या बात करू
मदहोश मैं मदमस्त यहां
जिस बात का अर्थात न तू
उस बात की में क्यों बात करू
जहां मेरा दिल तेरा दिल हो
न लब्जो का एहसान रहे
बन जाओ तुम ऐसे प्रति मेरे
जहां नैनो का मिलना पर्याप्त रहे
मैं आऊंगा चलकर घर तेरे
तू चौखट पर इंतजार करे
मैं हर दुख तेरा अपना कर लूं
तू केवल मुझसे प्यार करे
जितना मैं करता हूं उतना नही
तो जितना हो उतना ऐतबार कर
मैं तो अब बस इश्क समझता
मुझसे मतलब की न बात कर
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