शनिवार
मानो जैसे दुनिया,
एक साथ अंगड़ाई ले रही हो
जैसे सब अपने बिस्तर पर बैठे हुए है
बेझिजक चादर ओढ़ लेटे हुए है
किसी के चेहरे पर अविलंबिता का सुराख नही
मानो जैसे हवा में शांति घुली हुई है
न कोई फोन कर पूछ रहा है
न केबिन मैं बुला कर डांट रहा है
मानो समय खुद जान गया है की
उसे आज थोड़ा धीरे ही गुजर ना होगा
अखबार वाला भी आज 10 मिनट लेट था
मैने भी मुस्कुराकर उसे हाथ दिखाया
मानो जैसे वह समझ गया हो की
यदि आज शनिवार न होता तो
यह हाथ उसके गालों पर होता
आज दूध वाले से एक आधा लीटर
दूध ज्यादा लिया जाएगा
कोई खास उपलक्ष नही है
बस शनिवार के चलते लिया जाएगा
मेरे कमरे का पंखा आज थोड़ी देर से बंद होगा
और मिक्सर की आवाज
थोड़ी जल्दी सुनाई पड़ेगी
चूकी माँ के लिए तो
शनिवार सोमवार मैं कोई अंतर नही
आज पड़ोसी अपनी गाड़ी धोएंगे
इसी बहाने उनकी बेटी से हमारी आंखे चार होंगी
मैं अपने घर के पराठे उसे देने जाऊंगा
वोह गर्म गर्म पकोड़े मेरे घर लाएगी
पूरी शाम बेफिक्री में बिताई जाएगी
और फिर चाट और आइसक्रीम खाएंगे
आप कह रहे होंगे यह वर्णन तो रविवार का है
पर जैसे सूत से ज्यादा ब्याज प्यारी है
वैसे छुट्टी के पहले की छुट्टी अधिक प्यारी है
Aapne jo half litre milk extra liya usse kya banaya please share the recipe too 😌
ReplyDeleteaapne uske aage ki line par gaur farmaya hoga toh pata chal gaya hogaa
DeleteYes I understood sir but vo half litre extra kahi toh use karoge na toh kaha I'm asking that
ReplyDeletejab karenge batayege
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