इंतजार


हम हमेशा बस इंतजार करते है
पहले जन्म का इंतजार 
फिर बच्चे के पहले लफ्जो का
उसके पहले लड़खड़ाते कदमों का इंतजार
हम बस इंतजार करना जानते है
पहली इंतजार खत्म होते दूसरी
फिर अगली, फिर अगली.......
ऐसे ताता लगा रहता है
पापा के घर आने के इंतजार से लेकर
स्कूल की बीस की राह देखना,
कॉलेज बंक करने के लिए गेट पर दोस्तों का इंतजार
हम हमारी मंजिल, हमारे मुक्कदर के मुंतजिर है
मुफलिसी में रईसी का,
रईसी में सुकून का
और सुकून मिलने पर,
जिंदगी की उसी भाग दौड़ का इंतजार रहता है
जाड़े में गर्मी का, गर्मी में बरसात का
अकेले में साथ का
भीड़ में एकांत का 
मृत्यु की तरह इंतजार भी अटल है
कुछ नींद का इंतजार करते है
कुछ इस निद्रा से उठने का 
कोई अस्पताल में लेटे, फिर जीने का इंतजार कर रहा 
कोई नौमीद होकर अपने अंतिम श्वासों का
ये वर्क मेरी स्याही का इंतजार कर रहा 
स्याही मेरी कलम का,
मेरी कलम को मेरा इंतजार है और
मुझे मेरे विचारो का शब्दों में बदलने का 

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