मैं जल रहा हूं
खोए हुए एक खयाल में
ख्वाहिशों के जाल में
जिंदगी के मलाल में
सफलता के सवाल में
पानी के उबाल में
इश्क के खुमार में
ख्वाब बेशुमार में
मैं जल रहा हूं आग में
मैं जल रहा हूं आग में
कुछ अधूरी आस में
रोज के प्रयास में
सुक्ष्म से विचार में
विकट से हालत में
अश्वमेध के यज्ञ में
स्वयं के कर्तव्य में
मैं जल रहा हूं आग में
मैं जल रहा हूं आग में
अंदरूनी तकरार मे
महंगे इस बाजार में
मामूली पगार में
इस भीड अंजान में
अधूरे इस संसार में
अधूरी लिए पहचान में
मैं जल रहा हू आग में
मैं जल रहा हूं आग में
ख्वाबीदा एक जहान में
मेरी आकांक्षाओं के श्मशान में
महत्वाकांक्षाओं के माया जाल में
नदियों के प्रवाह में
खुद को पाने की चाह में
मैं जल रहा हूं आग में
Mei b jal raha jani ❤️
ReplyDeletejaani ye aag badlav laayegi
DeleteSuper sir
ReplyDeletehehe thank you
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