दिलजले
दिल को दुख की आंच से सेंका
कोशिशें कम पड़ी तो
कल के इंतजार में खुदको रोका
मैं खुद ही खुदके दिमाग पर चढ़ा हुआ था
जब उतरा नीचे तो
हमारा कद कितना छोटा है देखा
सपनों के पीछे भागना है
भावनाओं का पीछा कर रहे
प्रातः बदलाव को स्थापित कर
संध्या विसर्जित कर रहे
विचलित सा मन
और भारी कदम लिए
चल रहे हो कैसे ये टूटा बदन लिए
पूछता है मुझे मेरा हर निर्णय
असंभव को संभव कैसे तुम कर लिए
अकेले से कमरे में अंधेरा तुम भर लिए
डूबे हो सोच में हाथों में दर्पण लिए
अंधेरे में ये ठंडी हवा
खिड़की से भीतर आती है
कुछ मन को शीतल करती
थोड़ा सा आग लगाया है
जान रहे हो ना....
कुछ स्पष्ट नही है हुआ
ठंड तो कम हुई
पर दिल पूरा जल गया
Dil pura jal gaya 🥀❤️
ReplyDeletei know jaani
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