तुम तक

कैसे पहुंचेगी ये बात तुम तक
मेरी सुबह की होती है शाम तुम तक
है छाई खुमारी बेशुमार तुम तक
मेरी संज्ञा, विशेषण सर्वनाम तुम तक

है रास्ता कठिन मेरी चाल तुम तक
है पहेली जटिल , जवाब तुम तक
मेरी आँखें खुली, है ख्वाब तुम तक
ये राधा कृष्ण सा रास तुम तक

मैंने ओढ़ा है इश्क ये लिबाज़ तुम तक
गेरुआ है आसमान मेरी लाज तुम तक

हूं दीवाना हंसी का तेरे
मुरीद एक झलक की तेरे
आधूरी सी इच्छा, अधूरे से हम तुम
अकेले है दो जगह.....
अब बस मलाल तुम तक

Comments

Popular Posts