क्या मिला है?

मेरे हाथों को बाहें नही मिलती
मेरे इरादों को राहें नही मिलती
मेरे कांधे को सिर नही मिलता
मेरे दिल को इश्क नही मिलता
जवाब तो तैयार है मेरे पास
मलाल इस बात का है की पूछने वाला नहीं मिलता

मेरे नजरो को इंतजार बस मिला है
मेरी बातों को बेरस एक हां बस मिला है
में पूछता रहता हूं हर रोज अब खुद से
मुझे मेरे ही खामोशी का भार बस मिला है

मेरे सपनो की शाम को अंधकार बस मिला है
मेरे बीते हुआ कल का अभिशाप सा मिला है
मेरे शब्द गूंज उठते है सन्नाटे में
मेरी आवाज़ को एक वरदान सा मिला है

है दीवार अदृश्य खड़ी समक्ष मेरे
उसे लांघ जाने का साहस मिला है
में रोज जल रहा हूं अग्नि में वियोग के
उन इश्क की लपटों को अपनाने का मौका मिला है

जल चुका हूं थोड़ा, थोड़ा और जलना शेष है
तेरी उल्फत की आग है, अफसोस ना जाता
मुझे मर कर भी अमर होने का एक मौका मिला है


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